ऐ मेरे वतन के लोगो
तुम खूब लगा लो नारा,
ये शुभ दिन है हम सब का
लहराओ तिरंगा प्यारा,
पर मत भूलो सीमा पर
वीरों ने प्राण गवाए,
कुछ याद उन्हें भी कर लो
जो लौट के घर ना आये।
गूंजे कहीं पर शंख , कहीं पे अजान है,
बाइबिल है, ग्रन्थ सहाब है,गीता का ज्ञान है,
दुनिया में कहीं और ये मंजर नसीब नहीं,
दिखा दो दुनिया को के ये हिन्दुस्तान है।
हम अपने खून से लिखेंगे कहानी ऐ वतन मेरे,
करे कुर्वान हंस कर ये जवानी ऐ वतन मेरे,
दिली ख्वाइश नहीं कोई मगर ये इल्तजा बस है,
हमारे हौसले पा जाये मानी ऐ वतन मेरे।
काले गोरे का भेद नहीं,
हर दिल से हमारा नाता है,
कुछ और न आता हो हमको,
हमें प्यार निभाना आता है।
लहराएगा तिरंगा अब नीले आसमान पर,
भारत का नाम होगा सबकी जुबान पर,
ले लेंगे उसकी जान या दे देंगे अपनी जान,
कोई जो उठाएगा आँख हमारे हिन्दुस्तान पर।
आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे,
बची हो जो एक बूँद भी लहू की तब तक,
भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।
इश्क तो करता है हर कोई,
महबूब पर मरता है हर कोई,
कभी वतन को महबूब बना कर देखो,
फिर तुझ पर मरेगा हर कोई।
मुझे तन चाहिए न धन चाहिए,
बस अमन से भरा ये वतन चाहिए,
जब तक जिंदा रहूँ इस मात्रभूमि के लिए,
और जब मरू तो तिरंगा कफ़न चाहिए।
उनके हौसले का भुगतान क्या करेगा कोई,
उनकी शहादत का क़र्ज़ देश पर उधार है,
आप और हम इस लिए खुशहाल हैं क्योंकि,
सीमा पे सैनिक शहादत को तैयार हैं।
दिल हमारे एक हैं एक ही है हमारी जान,
हिंदुस्तान हमारा है हम हैं इसकी शान,
जान लुटा देंगे वतन पे हो जायेंगे कुर्बान,
इसलिए हम कहते हैं मेरा भारत महान।
आज मुझे फिर इस बात का गुमान हो,
मस्जिद में भजन मंदिरों में अज़ान हो,
खून का रंग फिर एक जैसा हो,
तुम मनाओ दिवाली मेरे घर रमजान हो।
दोस्ताना इतना बरकरार रखो कि,
मजहब बीच में न आये कभी,
तुम उसे मंदिर तक छोड़ दो ,
वो तुम्हें मस्जिद छोड़ आये कभी।
बड़े अनमोल हे ये खून के रिश्ते
इनको तू बेकार न कर,
मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई
घर के आँगन में दीवार ना कर।
कुछ हाथ से मेरे निकल गया,
वो पलक झपक के छिप गया,
फिर लाश बिछ गयी लाखों की,
सब पलक झपक के बदल गया।
जब रिश्ते राख में बदल गए,
इंसानियत का दिल दहल गया,
मैं पूछ पूछ के हार गया,
क्यूँ मेरा भारत बदल गया?
मेरा यही अंदाज ज़माने को खलता है,
कि चिराग हवा के खिलाफ क्यों जलता है,
मैं अमन पसंद हूँ,
मेरे शहर में दंगा रहने दो,
लाल और हरे में मत बांटो,
मेरी छत पर तिरंगा रहने दो।
खुशनसीव हैं वो जो
वतन पे मिट जाते हैं,
मर कर भी वो लोग
अमर हो जाते हैं,
करता हूँ तुम्हे सलाम
ऐ वतन पर मिटने वालो,
तुम्हारी हर सांस में बसना
तिरंगे का नसीव है।
जय हिन्द…!
जब आँख खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो:
जब आँख बंद हो तो यादेँ हिन्दुस्तान की हो:
हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन,
मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो।
किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ,
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ,
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।
जय हिन्द…
भारतमाता के लिए मर मिटना कबूल है मुझे,
अखंड भारत बनाने का… जूनून है मुझे।
यहीं रहूँगा कहीं उम्र भर न जाउँगा,
ज़मीन माँ है इसे छोड़ कर न जाऊँगा।
मैं अपने देश का हरदम सम्मान करता हूँ,
यहाँ की मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे डर नहीं है अपनी मौत से,
तिरंगा बने कफ़न मेरा, यही अरमान रखता हूँ।
क्रिसमस का उमंग और उत्साह
हमेशा आपके जीवन को
खुशियों से सराबोर रखे
मेरी क्रिसमस
भारतमाता तुम्हें पुकारे आना ही होगा,
कर्ज अपने देश का चुकाना ही होगा,
दे करके कुर्बानी अपनी जान की,
तुम्हे मरना भी होगा मारना भी होगा।
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की नफरत,
मेरी मिटटी से भी खुशबू-ए-वफ़ा आयेगी।
वतन की ख़ाक ज़रा एड़ियां रगड़ने दे,
मुझे यक़ीन है पानी यहीं से निकलेगा।
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है,
उछ्ल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी।
तीन रंग का नही वस्त्र, ये ध्वज देश की शान है,
हर भारतीय के दिलो का स्वाभिमान है,
यही है गंगा, यही हैं हिमालय, यही हिन्द की जान है
और तीन रंगों में रंगा हुआ ये अपना हिन्दुस्तान हैं।
मेरे मुल्क की हिफाज़त ही मेरा फ़र्ज है
और मेरा मुल्क ही मेरी जान है,
इस पर कुर्बान है मेरा सब कुछ,
नही इससे बढ़कर मुझको अपनी जान है।
ये नफरत बुरी है न पालो इसे,
दिलो में खलिश है निकालो इसे,
न तेरा, न मेरा, न इसका, न उसका,
यह सब का वतन है, बचा लो इसे.
बस ये बात हवाओं को बताये रखना,
रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना,
लहू देकर जिसकी हिफाज़त की शहीदों ने,
उस तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना।
दे सलामी इस तिरंगे को,
जिस से तेरी शान है,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका,
जब तक तुझ में जान है.
छोड़ो कल की बातें,
कल की बात पुरानी,
नए दौर में लिखेंगे,
मिल कर नयी कहानी,
हम हिंदुस्तानी.
मैं मुस्लिम हूँ, तू हिन्दू है, हैं दोनों इंसान,
ला मैं तेरी गीता पढ़ लूँ, तू पढ ले कुरान,
अपने तो दिल में है दोस्त, बस एक ही अरमान,
एक थाली में खाना खाये सारा हिन्दुस्तान।
एक सैनिक ने क्या खूब कहा है…
जय हिन्द.