कोई शाम आती है आपकी याद लेकर,
कोई शाम जाती है आपकी याद लेकर,
हमें तो इंतज़ार है उस शाम का,
जो आये कभी आपको अपने साथ लेकर।
मुझको अब तुझ से मोहब्बत नहीं रही,
ऐ ज़िन्दगी तेरी भी अब मुझे जरुरत नहीं रही,
बुझ गए अब उसके वो इंतज़ार के दिए,
कहीं आस पास भी उसकी आहट नहीं रही।
टूट गया दिल पर अरमान वही हैं,
दूर रहते हैं फिर भी प्यार बहुत है,
जानते हैं के मिल नहीं पाएंगे हम,
फिर भी इन आँखों में इंतज़ार बही है।
तेरी यादों की महक इन हवाओं में है,
प्यार ही प्यार बिखरा इन फिजाओं में है,
ऐसा न हो के दूरियां दिल का दर्द बन जायें,
आजा के तेरा इंतज़ार इन निगाहों में है।
वफ़ा में अब ये हुनर इख्तियार करना है,
वो सच कहें या न कहें बस ऐतबार करना है,
ये तुझको जागते रहने का शौक कब से हुआ,
मुझे तो खैर तेरा इंतजार करना है।
अब मत इंतजार करवाओ हमें इतना,
के वक्त के फैसले पे अफ़सोस हो जायें,
क्या पता कल जब लौट के आओ तुम,
और हम सदा के लिए खामोश हो जायें
वो तारों की तरह रात भर चमकते रहे,
हम चाँद से तन्हा सफ़र करते रहे,
वो तो बीते वक़्त थे उन्हें आना न था,
हम यूँ हीं सारी रात करवट बदलते रहे।
आदतन तुमने कर दिए वादे,
आदतन हमने भी ऐतबार किया,
तेरी राहों में हर बार रुक कर,
हमने अपना ही इंतज़ार किया।
मेरी तो इक उम्र कट गयी
तेरे इंतज़ार में,
ऐसे भी हैं के
कट न सकी जिनसे एक रात।
किसी रोज़ होगी रोशन
मेरी भी ज़िन्दगी,
इंतज़ार सुबह का नहीं
तेरे लौट आने का है।
ये चाँदनी रात बड़ी देर के बाद आयी,
ये हसीन मुलाकात बड़ी देर के बाद आयी,
आज आये हैं वो मिलने को बड़ी देर के बाद,
आज की ये रात बड़ी देर के बाद आयी।
एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है,
इनकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है,
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद,
फिर हर मोड़ पर उसका इंतज़ार क्यों है।
इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा,
यादें कटती हैं ले ले कर नाम तेरा,
मुद्दत से बैठे हैं ये आस पाले,
के कभी तो आएगा कोई पैगाम तेरा।
वो कह कर गया था मैं लौटकर आउंगा,
मैं इंतजार ना करता तो क्या करता,
वो झूठ भी बोल रहा था बड़े सलीके से,
मैं एतबार ना करता तो क्या करता।
उनका वादा है कि वो लौट आयेंगे,
इसी उम्मीद पर हम जिये जायेंगे,
ये इतंजार भी उन्ही की तरह प्यारा है,
कर रहे थे कर रहे हैं और किये जायेंगे।
ख़्वाबों में जीने की जब आदत पड़ जाती है,
हक़ीक़त की दुनिया तब बे-रंग नज़र आती है,
कोई इंतज़ार करता है मोहब्बत का,
तो किसी की मोहब्बत इंतज़ार बन जाती है।
तेरे बिना कैसे मेरी गुजरेंगी ये रातें,
तन्हाई का गम कैसे सहेंगी ये रातें,
बहुत लम्बी है ये घड़ियाँ इंतज़ार की,
करबट बदल-बदल कर काटेंगी ये रातें।
नादान इनकी बातो का एतबार ना कर,
भूलकर भी इन जालिमो से प्यार ना कर,
वो क़यामत तक तेरे पास ना आयेंगे,
इनके आने का तू इन्तजार ना कर।
इंतज़ार तो बहुत था हमें,
लेकिन आये ना वो कभी,
हम तो बिन बुलाये ही आ जाते,
अगर होता उन्हें भी इंतज़ार कभी।
दिल में इंतज़ार की लकीर छोड़ जायेंगे,
आँखों में यादों की नमी छोड़ जायेंगे,
ढूंढ़ते फिरोगे हमें हर जगह एक दिन,
ज़िन्दगी में ऐसी अपनी कमी छोड़ जायेंगे।
चाँद सितारों से तेरी बात करते हैं,
तनहाईयों में तुझे याद करते हैं,
तुम आओ या ना आओ मर्ज़ी तुम्हारी,
हम तो हरपल तुम्हारा इंतजार करते हैं।
कोई क्यों मेरा इंतज़ार करेगा,
अपनी जिंदगी मेरे लिए बेकार करेगा,
हम कौन से, किसी के लिए ख़ास हैं,
क्या सोचकर कोई हमें याद करेगा।
जान से भी ज्यादा उन्हें प्यार किया करते थे,
याद उन्हे दिन रात किया करते थे,
अब उन राहों से गुजरा नही जाता,
जहाँ बैठ कर उनका इंतज़ार किया करते थे।
नज़रों को तेरी मोहब्बत से इंकार नहीं है,
अब मुझे किसी का इंतजार नहीं है,
खामोश अगर हूँ ये अंदाज है मेरा,
मगर तुम ये न समझना कि मुझे प्यार नहीं है।
तुझे देखना चाहती हूँ हर पल,
शायद तुझसे बहुत प्यार करती हूँ,
कल तक तो तुझे जानती भी न थी,
आज तेरा इंतज़ार करती हूँ।
तेरे इंतज़ार में छोड़ा दुनिया का साथ,
तेरे इंतज़ार में छोड़ा अपनों का साथ,
जब तुझे जाना ही था तो क्यों दिया वादों का साथ,
रह गया अब मैं बस अपने ग़मों के साथ।
जिस के इक़रार का इंतज़ार था मुझे,
जाने क्यों उस से इतना प्यार था मुझे,
ऐ ख़ुदा आ ही गया वो हसीं पल,
जब उसने कहा तुमसे बहुत प्यार है मुझे।
तुम लौट के आओगे हम से मिलने,
रोज दिल को बहलाने की आदत हो गयी,
तेरे वादे पर क्या भरोसा किया,
हर शाम तेरा इंतज़ार करने की आदत हो गयी।
उस नज़र को मत देखो,
जो आपको देखने से इनकार करती है,
दुनियां की भीड़ में उस नज़र को देखो,
जो सिर्फ आपका इंतजार करती है।
फासला मिटा कर आपस में प्यार रखना,
हमारा यह रिश्ता हमेशा बरकरार रखना,
बिछड़ जाएं कभी आप से हम,
आँखों में हमेशा मेरा इंतज़ार रखना।
मोहब्बत का इम्तिहान आसान नहीं,
प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं,
मुद्दतें बीत जाती है किसी के इंतज़ार में,
यह सिर्फ पल दो पल का काम नहीं।
खुद एक बार उसे यह एहसास दिला दे,
कितना इंतज़ार है ज़रा उसे बता दे,
हर पल देखते हैं रास्ता उसी का,
ना इंतज़ार करना पड़े, मुझे ऐसी नींद सुला दे।
भले ही राह चलतों का दामन थाम ले,
मगर मेरे प्यार को भी तू पहचान ले,
कितना इंतज़ार किया है तेरे इश्क़ में,
ज़रा यह दिल की बेताबी तू भी जान ले।
तड़पती है आज भी रूह आधी रात को,
निकल पड़ते हैं आँख से आँसू आधी रात को,
इंतज़ार में तेरे वर्षों बीत गए सनम मेरे,
दिल को है आस आएगी तू आधी रात को।
तड़प कर देखो किसी की चाहत में,
पता चलेगा इंतज़ार क्या होता है,
यूँ ही मिल जाता बिना कोई तड़पे तो,
कैसे पता चलता कि प्यार क्या होता है।
तेरे इंतज़ार में यह नज़रें झुकी हैं,
तेरा दीदार करने की चाह जगी है,
न जानूँ तेरा नाम, न तेरा पता,
फिर भी न जाने क्यों इस पागल दिल में,
एक अज़ब सी बेचैनी जगी है।
वो रुख्सत हुई तो आँख मिलाकर नहीं गई,
वो क्यों गई यह बताकर नहीं गई,
लगता है वापिस अभी लौट आएगी,
वो जाते हुए चिराग़ बुझाकर नहीं गई।
हमने ये शाम चिरागों से सजा रखी है,
आपके इंतजार में पलके बिछा रखी हैं,
हवा टकरा रही है शमा से बार-बार,
और हमने शर्त इन हवाओं से लगा रखी है।
ज़ख़्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करें,
हम खुद निशाना बन गए वार क्या करें,
मर गए हम मगर खुली रही ये आँखें,
इससे ज्यादा उनका इंतज़ार क्या करें।