बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी,
दिल ही दिल में वह मुझे याद तो करती होगी,
ठीक से सो न सकी होगी कभी ख्यालों से मेरे,
करवटें रात भर बिस्तर पे बदलती होगी।
इस तरह दिल में समाओगे सोचा न था,
दिल को इतना तड़पाओगे सोचा न था,
मालूम था कि दूर हो तो याद तो आओगे,
मगर इस कदर याद आओगे सोचा न था।
तुझे याद करना न करना अब मेरे बस में कहाँ
दिल को आदत है हर धड़कन पे तेरा नाम लेने की।
कभी याद आती है कभी उनके ख्वाब आते हैं,
मुझे सताने के सलीके तो उन्हें बेहिसाब आते हैं।
कुछ नये सपने उसी के देखना है फिर मुझे,
सो गया हूँ मैं बहा कर जिसकी यादें आँख से।
खुल जाता है तेरी यादों का बाज़ार सरेआम,
फिर मेरी रात इसी रौनक में गुजर जाती है।
दिल के सागर में लहरें उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो,
बहुत याद करता है मेरा दिल तुम्हें
ख्वाबों में आके यूँ तड़पाया ना करो।
वो दिन दिन नहीं वो रात-रात नहीं,
वो पल पल नहीं जिस पल आपकी बात नहीं,
आपकी यादों से मौत हमें अलग कर सके,
मौत की भी इतनी औकात नहीं।
तेरी यादें भी मेरे बचपन के खिलौने जैसी हैं,
तन्हा होता हूँ तो लेकर बैठ जाता हूँ।
वो अपनी ज़िन्दगी में हो गए मसरूफ इतने कि,
किस-किस को भूल गए अब उन्हें भी याद नहीं।
अकेलेपन का इलाज़ होती हैं यादें,
बहुत ही हसीन सी होती हैं यादें,
यूँ तो बोलने को कुछ भी नहीं हैं,
पर मानने को किसी का साया हैं यादें।
अभी तक दिल में रोशन हैं तुम्हारी याद के जुगनू
अभी इस राख में चिंगारियाँ आराम करती हैं।
याद करते हैं हम आज भी उन्हें पहले की तरह,
कौन कहता है फासले मोहब्बत की याद मिटा देते हैं।
जो पुकारता था हर घड़ी
जो जुड़ा था मुझसे लड़ी-लड़ी,
वो शख्स अगर कभी मुझे
भूल जाये तो क्या करें।
ख्याल आँधी है उसका कि दिल काँप जाता है,
मेरे उदास ख्यालों किवाड़ मत खोलो।
उसकी धड़कन में मेरी याद अभी बाकी है,
ये हकीकत मेरे जीने के लिए काफी है।
दूर रह कर करीब रहने की आदत है,
याद बन के आँखों से बहने की आदत है,
करीब न होते हुए भी करीब पाओगे,
मुझे एहसास बनकर रहने की आदत है।
बहुत जी चाहता है क़ैद-ए-जाँ से निकल जायें,
तुम्हारी याद भी लेकिन इसी मलबे में रहती है।
मिटाओगे कहाँ तक तुम मेरी यादें मेरी बातें,
मैं हर मोड़ पर अपनी निशानी छोड़ जाऊंगा।
वो वक़्त वो लम्हे कुछ अजीब होंगे,
दुनिया में हम सबसे खुशनसीब होंगे,
दूर से जब इतना याद करते हैं आपको,
क्या होगा जब आप हमारे करीब होंगे?
हसरत नहीं, अरमान नहीं, आस नहीं है,
यादों के सिवा कुछ भी मेरे पास नहीं है।
तड़पते हैं न रोते हैं न हम फ़रियाद करते हैं,
सनम की याद में हरदम खुदा को याद करते हैं,
उन्हीं के इश्क़ में हम दर्द की फरियाद करते हैं,
इलाही देखिये किस दिन हमें वो याद करते हैं।
किस तरह से मुझसे है तेरी याद को हमदर्दी,
देखती है मुझे तन्हा… तो चली आती है।
तेरी यादों का जहर फैल गया है दिल में,
मैंने बहुत देर कर दी है तुझे भुलाने में।
सोचा था कि मिटाकर सारी निशानियाँ,
चैन से सो जायेंगे,
बंद आँखो ने अक्स देखा तेरा,
तो बेचैन दिल ने पुकारा तुझको। मिसिंग यू…
मुझे मार ही न डाले ये बादलों की साजिश,
ये जब से बरस रहे हैं मुझे तुम याद आ रहे हो।
अगर रुक जाये मेरी धड़कन
तो इसे मौत न समझना,
ऐसा हुआ है अक्सर तुझे याद करते करते।
तुम्हें सोचा तो हर सोच से खुशबू आई,
तुम्हें लिखा तो हर अल्फ़ाज महकता पाया।
मेरे ख्वाबों का उसे कौन पता देता है,
नींद में आ के वो अक्सर ही जगा देता है।
आपसे दूर जाने का इरादा तो नहीं था,
साथ-साथ रहने का भी वादा तो नहीं था,
तुम याद आओगे ये जानते थे हम,
पर इतना याद आओगे अंदाज़ा नहीं था।
तुझे भुलाने की कोशिश तो बहुत की ऐ सनम,
तेरी यादें गुलाब की साख हैं जो रोज महकती हैं।
जरूरी तो नहीं है कि तुझे आँखों से ही देखें,
तेरी याद का आना भी तेरे दीदार से कम नहीं।
गुजर गई है मगर रोज याद आती है,
वो एक शाम जिसे भूलने की हसरत है।
भूल जाना उसे मुश्किल तो नहीं है लेकिन,
काम आसान भी हमसे कहाँ होते हैं।
हर रात रो-रो के उसे भुलाने लगे,
आँसुओं में उसके प्यार को बहाने लगे,
ये दिल भी कितना अजीब है कि,
रोये हम तो वो और भी याद आने लगे।
नहीं फुर्सत यकीं मानो हमें कुछ और करने की,
तेरी यादें तेरी बातें बहुत मसरूफ़ रखती हैं।
दिल में आप हो और कोई खास कैसे होगा,
यादों में आपके सिवा कोई पास कैसे होगा,
हिचकियॉं कहती हैं आप याद करते हो,
पर बोलोगे नहीं तो मुझे एहसास कैसे होगा?
ढूढ़ोगे उजड़े रिश्तों में वफ़ा के खजाने,
तुम मेरे बाद मेरी मोहब्बत को याद करोगे।
कहीं ये अपनी मोहब्बत की इन्तेहाँ तो नहीं,
बहुत दिनों से तेरी याद भी नहीं आई।
हम चाहे तो भी तुझे भुला नहीं सकते,
तेरी यादों से दामन चुरा नहीं सकते,
तेरे बिना जीना एक पल भी मुमकिन नहीं,
तुम्हें चाहते हैं इतना कि बता नहीं सकते।
मिसिंग यू…
हर एक पहलू तेरा मेरे दिल में आबाद हो जाये,
तुझे मैं इस क़दर देखूं मुझे तू याद हो जाये।
मुझे कुछ भी नहीं कहना इतनी सी गुजारिश है,
बस उतनी बार मिल जाओ जितना याद आते हो।
मेरी चाहत में कोई कमी तो नहीं है,
फिर क्यों वो बार-बार आज़माए मुझे,
दिल उसकी याद से एक पल भी नहीं जुदा,
फिर कैसे मुमकिन है वो भूल जाए मुझे।
याद आयेगी हमारी तो
बीते कल की किताब पलट लेना,
यूँ ही किसी पन्ने पर
मुस्कराते हुए हम मिल जायेंगे।
फूलो की तरह हंसती रहो,
कलियोँ की तरह मुस्कुराती रहो,
खुदा से सिर्फ इतना मांगता हूँ,
कि तुम मुझे हमेशा याद आती रहो।
कोई पुरानी कहानी याद आ रही है,
किसी की याद आज फिर सता रही है,
अब ऐसी सूरत में ना जाने वो कैसे आएगी,
नहीं… शायद आज फिर नींद नहीं आएगी।
यूँ तो मुद्दतें गुजार दी है
हमने तेरे बगैर मगर,
आज भी तेरी यादों का एक झोंका
मुझे टुकड़ो में बिखेर देता है।
बहुत अजब होती हैं
यादें यह मोहब्बत की,
रोये थे जिन पलों में
याद कर उन्हें हँसी आती है,
और हँसे थे जिन पलों में
अब याद कर उन्हें रोना आता है।
आज हम हैं कल हमारी यादें होंगी,
जब हम ना होंगे तब हमारी बातें होंगी,
कभी पलटोगे ज़िन्दगी के यह पन्ने,
तब शायद…
आपकी आँखों से भी बरसातें होंगी।
वो दिन दिन नहीं वो रात रात नहीं,
दुनिया के ज़ोर प्यार के दिन याद आ गये,
दो बाज़ुओ की हार के दिन याद आ गये,
गुज़रे वो जिस तरफ से फिजायें महक उठी,
सबको भरी बहार के दिन याद आ गये।
रात गुमसुम हैं और चाँद खामोश है,
तेरी यादों ने कर दिया मुझे मदहोश है,
कैसे कह दूँ आज मैं होश में हूँ…
जब हाथ में जाम है और पीने का होश नहीं।
यह माना के हम से वो खफा रहे होंगे,
हो सकता है वो हमें आजमा रहे होंगे,
हम उतनी ही शिद्दत से याद करेंगे उन्हें,
जितनी शिद्दत से वो हमें भुला रहे होंगे।
आज हँसी देकर कल रुला न देना,
इतना याद करके फिर भुला न देना,
अपने इस प्यारे रिश्ते को याद रखना,
इन्हें गैरों की तरह भुला न देना।
बेताब से रहते हैं तेरी याद में अक्सर,
रात भर नहीं सोते हैं तेरी याद में अक्सर,
जिस्म में दर्द का बहाना सा बना कर,
हम टूट कर रोते हैं तेरी याद में अक्सर।
अपनी यादों की खुशबू भी
हम से छीन लोगे क्या?
किताब-ए-दिल में अब ये
सूखा गुलाब तो रहने दो।
वो नहीं आती पर निशानी भेज देती है,
ख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देती है,
कितने मीठे हैं उसकी यादो के मंज़र,
मेरी आँखों में नमकीन पानी भेज देती है।
मिला हूँ ख़ाक में ऊँची मगर औकात रखी है,
तुम्हारी बात थी आखिर तुम्हारी बात रखी है,
भले ही पेट की खातिर कहीं दिन बेच आया हूँ,
तुम्हारी याद की खातिर भी पूरी रात रखी है।
उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं सकता,
उसके चेहरे की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता,
मेरा बस चलता तो उसकी हर याद को भूल जाता,
लेकिन इस टूटे दिल को मैं समझा नहीं सकता।
ये आरज़ू नहीं कि किसी को भुलाये हम,
तमन्ना नहीं है कि किसी को रुलाये हम,
बस जिसको जितना याद करते है,
उसे भी उतना ही याद आये हम।
सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा,
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा,
ना जाने क्या बात थी उनमे और हम में,
सारी महफ़िल भूल गए बस वो चेहरा याद रहा।
वो सिलसिले वो शौक वो ग़ुरबत न रही,
फिर यूँ हुआ के दर्द में शिद्दत न रही,
अपनी जिंदगी में हो गए मसरूफ वो इतना,
कि हम को याद करने की फुर्सत न रही।
यादों की कीमत वो क्या जाने,
जो किसी को यूँ ही भुला देते हैं,
यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो,
यादों के सहारे जिया करते हैं।
प्यार की दास्तां जब भी वक्त दोहरायेगा,
हमें भी एक शख्स बहुत याद आयेगा,
जब उसके साथ बिताये लम्हें याद आयेंगे,
आँखें नम हो जाएँगी दिल आंसू बहायेगा।
अब उदास होना भी अच्छा लगता है,
किसी का पास न होना भी अच्छा लगता है,
मैं दूर रह कर भी किसी की यादों में हूँ,
ये एहसास होना भी अच्छा लगता है।
अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा दें,
कुछ दर्द तो कलेजे से लगाने के लिए हैं।
यह इल्म का सौदा, ये रिसाले, ये किताबें,
इक शख्स की यादों को भुलाने के लिए है।
आज यह कैसी उदासी छाई है,
तन्हाई के बादल से भीगी जुदाई है,
टूट के रोया है फिर मेरा दिल,
जाने आज किसकी याद आई है।
खुशबू की तरह आया वो तेज हवाओं में,
माँगा था जिसे हमने दिन रात दुआओं में,
तुम छत पे नहीं आये मैं घर से नहीं निकला,
ये चाँद बहुत भटका सावन की घटाओं में।
जिससे चाहा था बिखरने से बचा ले मुझको,
कर गया तेज हवाओं के हवाले मुझ को,
मैं वो बुत हूँ कि तेरी याद मुझे पूजती है,
फिर भी डर है ये कहीं तोड़ न डाले मुझको।
याद करेंगे तो दिन से रात हो जायेगी,
आईने को देखिये हमसे बात हो जायेगी,
शिकवा न करिए हमसे मिलने का,
आँखे बंद कीजिये मुलाकात हो जायेगी।